महाकुंभ नहाने के लिए कभी देना होता था टेक्स, ये है पूरी जानकारी
आप लोग महाकुंभ में आए प्रयागराज में तो आपने सुना होगा बहुत से लोगों से खास कर के ई रिक्शा वालों से की चुंगी पर छोड़ेंगे चुंगी पर मिलेंगे चुंगी तक आना है क्या चुंगी है टोल टैक्स कब का टोल टैक्स मुगल एरा का टोल टैक्स क्योंकि मुगलों के समय में एक टैक्स लागू किया गया जिसको बोलते थे जजिया कर यानी अगर किसी को महाकुंभ नहाना था किसी को कुंभ जाना था किसी को माघ मेला आना था तो उसको उसे समय पर टैक्स देना होता था
अंग्रेजों के शासन में भी लगता था टेक्स
इसी बीच में टैक्स हटाया भी फिर से लागू कर दिया 1810 के आसपास ब्रिटिश सिपाहियों की जो तनखाती महीने की वह ₹3 से ₹5 के आसपास होती थी यानी वह ज्यादा मानी जाती थी बहुत अच्छी तनखा है उसमें अच्छी गुर्जर वसर होती थी उनकी पर यह यहीं खत्म नहीं हुआ और फिर आता है हमारा आजाद भारत
आजादी के बाद भी लगा था टेक्स
1954 में जब कुंभ लगावे टैक्स लगाया गया जिसको टर्मिनल टैक्स बोला रेलवे टिकट के ऊपर और इसलिए लगाया गया उसका जो सफाई दी गई कि भैया इसे इसलिए लगाया है कि जो लोग एक्स्ट्रा व्यवस्थाएं जो करनी है साफ सफाई है बिजली पानी जो भी है उसका खर्च भी तो निकालना है और इसके बाकायदा सबूत है
1956 का पैसेंजर्स बिल
1956 के पैसेंजर्स बिल में राज्यसभा की वेबसाइट में आप जाकर देख लेना अंग्रेजों के समय से गुजरते हुए और हमारे आजाद भारत में रहा अब आप इतने स्वतंत्र हो कि आपको कुंभ आने के लिए कोई टैक्स नहीं देना यह बहुत बड़ी स्वतंत्रता है नहीं तो समझिए कि आपका 1 महीने की कमाई आप यहां आते ही उसे चुंगी पर जमा करवाते क्योंकि आपको कुंभ लाना था